ईएसपी पेंशन को लेकर हमारे देश के कर्मचारी बहुत दिनों से सरकार से मांग कर रहे हैं कि इसे बढ़ा दिया जाए। इसको लेकर पेंशन भोगियों के द्वारा और ट्रेड यूनियन की संस्थाओं के द्वारा निरंतर सरकार से यही गुजारिश की जा रही है कि अब पेंशन में इजाफा कर दिया जाए।
दरअसल कर्मचारियों को मिलने वाली न्यूनतम 1000 रूपए की पेंशन गुजारा करने लायक नहीं है। इसलिए अब सरकारी कर्मचारियों के द्वारा इस पेंशन को तुरंत बढ़ाने के लिए जोर दिया जा रहा है। तो अब इस पेंशन से संबंधित मूल्यांकन की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है। उम्मीद है कि अप्रैल के अंत तक इसे खत्म कर लिया जाएगा।
अगर आप ईएसपी पेंशन में इजाफा चाहते हैं तो हमारा आज का यह आर्टिकल आपको जरूर पढ़ना चाहिए। आज हम आपको बताएंगे कि इस पेंशन को लेकर सरकार कब तक फैसला कर सकती है। साथ ही आपको यह भी बताएंगे कि क्या अब 7500 हजार रुपए की न्यूनतम पेंशन होने वाली है या नहीं।
EPS Pension Hike
ईएसपी पेंशन को बढ़ाने को लेकर बहुत समय से लगातार पेंशन भोगियों के द्वारा मांग की जाती रही है। इसके अलावा ट्रेड यूनियनों और बहुत सी दूसरी संस्थाएं भी निरंतर यही कह रही हैं कि अब 1 हजार रुपए की न्यूनतम पेंशन को बढ़ाया जाए।
जानकारी के लिए बता दें कि एम्पलाइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन यानी ईपीएफओ ने 2016 में अपने ऐसे सदस्यों के लिए 1000 रूपए तक की पेंशन सुनिश्चित की थी जो न्यूनतम 10 वर्षों तक पेंशन योजना में अपना योगदान जमा करते हैं।
लेकिन अब पेंशन धारकों और विभिन्न संस्थाओं के द्वारा पेंशन की पेशकश के बावजूद भी सरकार ने इस न्यूनतम पेंशन को नहीं बदला है। लेकिन अब संभावना है कि सरकार 30 वर्ष पहले शुरू की गई इस पेंशन की न्यूनतम राशि को बढ़ा देगी।
तीसरे पक्ष द्वारा किया जाएगा मूल्यांकन
संसद की एक स्थाई समिति ने हाल ही में श्रम मंत्रालय से यह कहा है कि कर्मचारी पेंशन योजना का मूल्यांकन का काम तय समय पर पूरा किया जाए। जानकारी दे दें कि यह समिति बीजेपी पार्टी के सांसद बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में इस कार्य को कर रही है।
इस प्रकार से पैनल बस यही चाहता है कि इस काम को इस साल के आखिर तक पूरी तरह से समाप्त कर लिया जाए। आपको जानकारी दे दें कि मौजूदा समय में भी ईएसपी पेंशन कर्मचारियों को मात्र 1000 रूपए की मिल रही है और सरकार को इसे बढ़ाने का काम अब बिना देर किए शुरू कर देना चाहिए।
ईएसपी पेंशन को लागू हुए हो गए हैं 30 वर्ष
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ईएसपी पेंशन को 1995 में शुरू किया गया था। तब सरकार का उद्देश्य सेवानिवृत हो चुके कर्मचारियों को एक सुनिश्चित इनकम उपलब्ध कराना था। बताते चलें कि अब 30 साल बाद इस योजना का मूल्यांकन तीसरी पार्टी के द्वारा करवाया जाएगा।
इस प्रकार से समिति ने कहा कि इस काम को निर्धारित समय सीमा के अंदर-अंदर पूरा किया जाना चाहिए। यहां आपको हम यह भी बता दें कि मंत्रालय के द्वारा समिति को यह भी बताया गया कि अभी तीसरे पक्ष के आंकलन की प्रक्रिया का काम शुरू है।
यहां आपको हम यह भी बता दें कि समिति ने रिपोर्ट में यह बताया है कि अब साल 2014 के मुकाबले 2024 में महंगाई कई गुना बढ़ चुकी है। इस प्रकार से अब जरूरत है कि सरकार गंभीरता से कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन को बढ़ाने को लेकर जरूरी कदम उठाए।
श्रम मंत्रालय ने क्या बताया पैनल को
श्रम मंत्रालय के द्वारा समिति को यह जानकारी दी गई कि ईएसपी पेंशन को 2000 रूपए तक बढ़ाने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय के पास साल 2020 में भेजा था। इस प्रकार से तब इस प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं दी गई थी। फिर कई वर्षों के बाद 2024-25 के बजट से पहले इस बारे में चर्चा ने जोर पकड़ लिया था।
बताते चलें कि साल 2025 में सेवानिवृत हो चुके कर्मचारियों के प्रतिमंडल के द्वारा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस बारे में बातचीत की गई थी। वित्त मंत्री से यह गुजारिश की गई थी कि ईपीएस की न्यूनतम पेंशन को 7500 रूपए तक हर महीने कर दिया जाए।
इस प्रकार से इसके बाद फिर वित्त मंत्री ने इन सभी लोगों को आश्वासन दिया था कि सरकार द्वारा इनकी मांगों के ऊपर जरूर विचार किया जाएगा। दरअसल बढ़ती हुई महंगाई के कारण 1000 रूपए में गुजारा करना रिटायर हो चुके कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ी समस्या है।
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